Tuesday, 5 December 2017

Sandeep Maheshwari | जिसने सबकुछ आसान बनाया




Sandeep Maheshwari उन करोड़ो लोगो में से एक है जिन्होंने संघर्ष किया, असफल हुए और तेजी से सफलता, ख़ुशी और संतोष पाने के लिए आगे बढ़ते गए। वे अन्य लोगो की ही तरह साधारण परिवार से ही थे, लेकिन अपने जीवन के उद्देश को पूरा करने के लिए उनके पास बहोत सारे सपने और और उन्हें पूरा करने की दृष्टी थी। उनके पास पास जो भी था उन सभी से उन्हें सिखने की तीव्र इच्छा थी। अपने जीवन में कई बार उतार चढाव का सामना करते हुए, समय ने उन्हें जीवन का सही मतलब समझाया।



संदीप माहेश्वरी – Sandeep Maheshwari Biography

और जबसे उन्होंने यह जान लिया तब से लगातार अपने आरामदायक स्थिति में बढ़ते चले जा रहे है और अपनी सफलता का रहस्य पूरी दुनिया के साथ Share कर रहे है। बाद में वे लोगो की मदत करने के लिए आगे बढे और वे कुछ ऐसा करना चाहते थे जिस से वे लोगो को सफलता पाने के लिए प्रेरित कर सके, और इसी के चलते उन्होंने लाइव “Free Life-Changing Seminars And Sessions” लेना शुरू किया।
इसमें कोई शक नहीं है की लाखो लोगो ने उनके द्वारा Share की हुई बातो से प्रेरित होकर उसे अपने भी जीवन में अपनाया होंगा। ये सब उनके अथक परिश्रम, परिवार के समर्थन और उनके साथियों पर उनके भरोसे ने सतत उन्हें आगे बढाया।
संदीप महेश्वरी का परिवार एलुमिनियम के व्यवसाय में था, जो बाद में बंद हो गया और फिर परिवार की जरूरतों को पूरा करने का दायित्व उन पर आया। और आशा के अनुरूप उन्होंने वो सब कुछ किया जो वो कर सकते थे। वे कोई सामान बनाने वाली Multi-National Company में शामिल हुए और घरगुती उपयोगी सामान की Marketing भी की। उन्होंने कोई भी पत्थर अपने पीछे नहीं छोड़ा। वे हर तरह का काम करते गए जो उन्हें मिला।
उनकी इस अवस्था में उन्होंने जाना की उन्हें औपचारिक शिक्षा (Formal Edu.) से भी आगे की जरुरत है। इसलिए, एक होनहार विधार्थी बनने की बजाये दिल्ली के किरोरिमल कॉलेज के T.Y. B.Com को बिच में ही छोड़ दिया। अब उन्होंने निच्छय किया की उन्हें किसी और विषय का अभ्यास करना चाहिए जिसमे उनकी रूचि हो।

संदीप माहेश्वरी जीवन – Sandip Maheshwari Early Life

बहोत ही शानदार मॉडलिंग दुनिया से आकर्षित होकर, उन्होंने 19 साल की उम्र में मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया। जहा मॉडल के परेशानियों और उनको शोषण का अनुभव उन्हें मिला। और यही उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बना जहा उन्होंने ये निच्छित किया की वे दुसरे मॉडल जो संघर्ष कर रहे हो उन्हें प्रेरित करेंगे। और छोटा ही सही, लेकिन यही उनका लक्ष था। और बाद में 2 हफ्तों के फोटोग्राफी क्लास के बाद उन्होंने कई मनमोहक और सुन्दर तस्वीरे अपने कैमरे से निकली। उनमे कोई बदलाव नही आया था। वे तो बस अपनी मॉडलिंग दुनिया को बदलने के प्रयास में तीव्र इच्छा से आगे बढ़ते गये। और इसी प्रकार उन्होंने कुछ समय बाद अपनी खुद की कंपनी मैश ऑडियो प्राइवेट लिमिटेड का निर्माण किया और portfolios बनाना शुरू किया।
अगले साल 2002 में, उन्होंने अपने तिन मित्रो के साथ एक कंपनी स्थापित की जो 6 महीनो में ही बंद हो गयी। लेकिन संदीप महेश्वरी का दिमाग अभी भी खुला ही था। और एक नयी संकल्पना दिल से “Sharing” के साथ उन्होंने अपने अब तक के पुरे अनुभवों को एक मार्केटिंग बुक में लिखा। तब वे सिर्फ 21 साल के थे।
वो 200३ था, जब मात्र 10 घंटे 45 मिनट में 122 मॉडल्स के 10000 से भी ज्यादा फोटो लेकर उन्होंने एक विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली कंपनी का निर्माण किया। और आशा के अनुरूप वे कभी नहीं रुके। उनका ध्यान केवल लोगो के कुछ समय के आकर्षण पर नहीं था, बलि वे तो अपने विचारो से समस्त मॉडलिंग दुनिया ही बदलना चाहते थे। और 26 साल की आयु में उन्होंने ImageBazaar.Com को आरम्भ किया। वो साल 2006 था। अपना Business अच्छी तरह से सेट ना होने के कारण वो कई काम एक साथ करने लगे। वे एक वकिल बने, Tele-Caller बने और फोटोग्राफर बने, उन्होंने खुद की इच्छा से ही अपने आप को उन क्षेत्रो में डाला था। और आज, ImageBazaar में भारत की 1 करोड़ से भी ज्यादा फोटो है जो की विश्व में सबसे ज्यादा और साथ ही 45 देशो में 7000 से भी ज्यादा ग्राहक है। उनका ऐसा मानना था की, “फोटोग्राफी में सिर्फ काम नहीं बिकता वहा नाम भी बिकता है, और उन्हें अपना नाम कमाना था।
संदीप माहेश्वरी ने मॉडलिंग की दुनिया में खुद को ही अपना आदर्श माना। क्यू की उनके अनुसार मुश्किलों और शोषण का सामना कर के एक बेहतरीन मॉडल सामने आ सकता है।
ये उनकी दुनिया बदलने वाला प्रयत्न था जब उन्हें 29 साल की आयु में युवा भारत का सबसे प्रसिद्द उद्योगपति चुना गया। बाद मे उनके विचार ही उनके भाषण का कारण बनी जैसे, “असफलता से कभी नहीं डरनाऔर खुद के प्रति और दुसरो के प्रति सत्यवादी होना
एक सफल उद्यमी के साथ-साथ, दुनियाभर के लाखो-करोडो लोगो के सलाहकार, आदर्श और Youth Icon भी है। वे लगातार लोगो को प्रेरित करते रहे और उनका जीवन आसानबनाते गये और उनके इस अच्छे काम के लिए दुनिया भर से लोगो का साथ और प्यार मिलता गया।
उनका ईश्वरीय शक्ति से कभी ना टूटने वाला विश्वास उन्हें हमेशा शक्ति प्रदान करता था। सफलता के इस पहाड़ पर चड़ने के बाद भी उन्हें कभी पैसो का लालच नहीं आया। और इसीलिए आज उनकी प्रेरित करने वाली संस्था किसी मुनाफे के भरोसे नहीं चलती। वहा काम करने वाले हर एक व्यक्ति के बिच भावनात्मक बंधन होता है जो उन्हें एक दुसरे से और उस संस्था से जोड़े रखता है, और यही उनके लिए जरुरी है।
आज उनमे कई सारे संस्थाओ को निर्माण करने की क्षमता है लेकिन वो अपने खुद के द्वारा बनाये गये इस Status से ही संस्तुष्ट है। उनका ऐसा मानना है की, “अगर आपके पास आपकी जरुरत से ज्यादा कोई वस्तु हो तो आपको वो उन लोगो के साथ बाटनी चाहिए जिनको उस वस्तु की सबसे ज्यादा जरुरत हो
और इस तरह से परेशानियों की जड़ो में जाकर उन्होंने उन्होंने कई सारी सच्चाई लोगो के सामने लाइ, जैसे की, “पैसे ये पेड़ो पर बढ़ते है”, “सफलता ये केवल कठिन परिश्रम पर निर्भर नहीं करतीऔर जबसे ज्यादा मजेदार आसान कहकर भी किसी काम को आसानी से ना करना
अपने बुरे अनुभवों को ध्यान में रखना ही उनके जीवन का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बना, उनका अनुभव ये बुरे अनुभव से ही बना। संदीप महेश्वरी का ऐसा मानना है की चाहे आप कोई भी काम एक रुपये से शुरू करो या एक लाख से शुरू करो (अपने खुद के पैसो से), बस काम को शुरू करना बहोत जरुरी है, ये कोई मायने नहीं रखता के आपने उसे कितने पैसो से शुरू किया।
उनका लक्ष केवल लोगो को सुलझाना और कल के आने वाले उद्योगपतियों/लोगो/नेताओ को प्रेरित कर के भविष्य में सफलता के लिए मदत करना है।

Sandeep Maheshwari Award / उपलब्धिया

• “व्यापार दुनियापत्रिका द्वारा भारत के सबसे होनहार उद्योगपति।
• “ET Now”
चैनल के Tomorrow Award के अकेले हकदार।
ग्लोबल यूथ मार्केटिंग फोरम द्वारा स्टार यूथ अचिवरका अवार्ड दिया गया।
भारतीय उद्योग समिति द्वारा सन 2013 में Creative उद्योगपति का सम्मान।
ब्रिटिश हाई कमीशन के ही भाग,ब्रिटिश काउंसिल द्वारा “ Creative युवा उद्योगपतिका अवार्ड।
इसके भी अलावा, वे कई पत्रिकाओ (Magazine), अखबार और टेलीविज़न चैनल जैसे The Economic Times, इंडिया टुडे, CNBC-TV18 में भी उन्हें सम्मानित किया गया।
दोस्तों, जब कोई साधारण इंसान असाधारण काम करता है (कुछ बड़ा करता है) तो अपने आप ही वो हमारे-आपके जैसे Common लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाता है। क्योकि उसे देखकर लगता है, यार ये तो बिलकुल अपने जैसा बंदा है, और जब ये कर सकता है तो हम क्यू नहीं? संदीप महेश्वरी भी बिलकुल वैसा ही बंदा है।
मिडिल क्लास परिवार का एक आम सा बंदा जिसने अपने जीवन में कुछ बड़ा किया है और जो हमें भी अपनी Life में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करता है।


सबसे बड़ी ई कॉमर्स साईट “अलीबाबा” ग्रुप के फाउंडर जैक मा | Jack Ma Alibaba Story




Jack Ma Alibaba Story
हम सभी ये जानते है की सफलता असफलता हमारे जीवन का एक हिस्सा है, यह हमारे ऊपर निर्भर करता है की हम उन असफलताओं से निराश होते है या उनसे कुछ सीखते हुए आगे बढ़ते है। लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते है की जो इंसान एक साधारण सी नौकरी पाने के लिए भी लगभग कई बार रिजेक्ट हुआ हो वो आज अपने देश का सबसे अमीर व्यक्ति बन सकता है जी हां दोस्तों ये बिलकुल सच है सच्ची मेहनत और लगन के साथ सब कुछ किया जा सकता है।
ये कर दिखाया है जैक मा ने ये वही जैक मा है जिन्होंने चीन की सबसे बड़ी ई कॉमर्स साईट अलीबाबाका निर्माण किया है। जैक अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर है,आइये जानते है जैक की कहानी को करीब से…….

सबसे बड़ी ई कॉमर्स साईट अलीबाबाग्रुप के फाउंडर जैक मा – Jack Ma Alibaba Story

जैक का जन्म 10 सितम्बर 1964 को चीन के जेजिआंग प्रान्त के एक बहुत ही छोटे गाँव ह्न्हाजु में हुआ था। जैक के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही ख़राब थी। जैक एक बहुत ही साधारण से परिवार से थे, उनके माता पिता पारंपरिक नाटकों और प्रसिद्द कहानियों को सुनाने का कम करते थे, यही एक मात्र साधन था उनके परिवार की आजीविका का।
जैक ने जेंगयिंग नाम की लड़की से शादी की। उनका एक बेटा और एक बेटी है। जैक और उनकी पत्नी एक ही यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। उन्होंने स्नातक की शिक्षा साथ ही प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने 1980 में शादी कर ली।
जैक को बचपन से ही इंग्लिश बोलने और सिखने का बहुत शौक था। 60 के दशक में चीन में इंग्लिश भाषा का बिलकुल महत्त्व नहीं था। लेकिन जैक कैसे भी कर के इंग्लिश बोलना और सीखना चाहते थे, इसलिए 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने चीन में विदेशों से आने वाले पर्यटकों की मदद लेना शुरू कर दी, वे पर्यटकों से अपनी टूटी फूटी इंग्लिश में बात करने की कोशिश करते इसके लिए वे उन्हें चीन के पर्यटन स्थलों की जानकारी देते। उन्होंने 9 सालों तक ये काम किया।इस तरह जैक एक टूरिस्ट गाइड बन गये। धीरे धीरे उनकी इंग्लिश में सुधर होने लगा।

जैक मा का करियर – Jack Ma Career

जैक के करियर कि शुरुआत काफी चुनौती पूर्ण रही,जैक ने अपने करियर की शुरुआत में पुलिस की नौकरी के लिए भी आवेदन किया। लेकिन उन्हें यहाँ से निराश होना पढ़ा। बतौर जैक नौकरी के लिए उन्होंने लगभग 30 अलग अलग जगह से निराश होना पढ़ा।
1995 की शुरआत में वे अपने दोस्तों की मदद से अमेरिका गये जहा उन्होंने पहली बार इन्टरनेट देखा। जैक मा ने इससे पहले कभी इन्टरनेट नही चलाया था, उन्होंने जब पहली बार इन्टरनेट चलाया तो उन्होंने “Beer” शब्द खोजा। उन्हें Beer से संबधित कई जानकारी अलग अलग देशो से प्राप्त हुयी लेकिन वो ये देखकर चौक गये कि उस सर्च में चीन का नाम कही नही था। अगले बार उन्होंने चीन के बारे में सामान्य जानकारी ढूंढने की कोशिश की लेकिन फिर वो चौक गये कि चीन को कोई जानकारी इन्टनेट पर उपलब्ध नही थी।
अपने देश की जानकारी इंटरनेट पर ना होने से जैक बहुत दुखी हुए क्योंकि इससे उन्हें लगा कि चीन तकनीकी क्षेत्र में अन्य देशो से काफी पीछे है और वो आगे बढना ही नही चाहता है। इसी वजह से उन्होंने अपने मित्र के साथ मिलकर चीन की जानकारी देने वाली पहली वेबसाइट “ugly” बनाई।
तब जैक मा को एहसास हुआ कि इन्टरनेट से बहुत कुछ किया जा सकता है। 1995 में जैक, और दोस्तों ने मिलकर 20,000 डॉलर इकट्ठे किये और एक कम्पनी की शुरुवात की। इस कम्पनी का मुख्य काम दुसरी कंपनियों के लिए वेबसाइट बनाना था। उन्होंने अपनी कम्पनी का नाम “China Yellow Pages” रखा था।
तीन साल के अंदर उनकी कम्पनी ने 8 लाख डॉलर कमाए। अब जैक ने अपने अमेरिका के एक मित्र की मदद से चीनी कंपनियों ले लिए भी वेबसाइट बनाना शूरू कर दिया। जैक ने पहली बार 33 वर्ष की उम्र में अपना पहला कंप्यूटर खरीदा था।
1998 से 1999 में जैक मा ने China International Electronic Commerce Center द्वारा स्थापित एक IT कम्पनी की अध्यक्षता का कार्य किया। 1999 में उन्होंने वहा से काम छोड़ दिया और हंजाऊ अपनी टीम के साथ लौट आये, जहाँ उन्होंने अपने 17 दोस्तों के साथ मिलकर एक अपने घर से चीन की पहली B2B वेबसाइट अलीबाबा की स्थापना की।
उन्होंने अलीबाबा के द्वारा एक इतिहास रच दिया जो उन्होंने 5 लाख युवान से शूरु की और जिसके 79 मिलियन सदस्य 240 से ज्यादा देशो में फैले हुए है। अक्टूबर 1999 और जनवरी 2000 में अलीबाबा ने दो बार 25 मिलियन डॉलर का international venture capital investment जीता था। अपने इस प्रोग्राम से वो अपने देश के e-commerce मार्किट में सुधार लाना चाहते थे जो छोटे और मध्यमवर्गीय व्यवसायों को विश्व स्तर पर लेकर जाए।
Global e-commerce system को सुधारन के लिए 2003 में जैक मा ने Taobao Marketplace की स्थापना की, जिसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए eBay ने इसे खरीदने का ऑफर दिया। जैक मा ने eBay का प्रस्ताव ठुकरा दिया और इसकी बजाय उसने याहू के को-फाउंडर जेरी से 1 बिलियन डॉलर की सहायता ली।
सितम्बर 2014 के आंकड़ो के अनुसार अलीबाबा ने New York Stock Exchange में 25 बिलियन डॉलर की कम्पनी खडी कर दी। अलीबाबा इस राशि के साथ विश्व की सबसे प्रख्यात टेक कम्पनियों में गिनी जाने लगी। जैक मा वर्तमान में अलीबाबा ग्रुप के कार्यकारी अध्यक्ष है जिनकी दससहायक कंपनिया Alibabacom, Taobao Marketplace, Tmall, eTao, Alibaba Cloud Computing, Juhuasuan, 1688com, AliExpresscom and Alipay कार्यरत है । नवम्बर 2012 में अलीबाबा का ऑनलाइन लेनदेन 1 ट्रिलियन युआन से भी आगे बढ़ गया ।

जैक को मिले सम्मान एवं पुरस्कार – Jack Ma Awards

· 2004 – चाइना सेन्ट्रल टेलीविसन द्वारा Top 10 Business Leaders of the Year चुना गया।
· 2005 – वर्ल्ड इकनोमिक फोरम द्वारा यंग ग्लोबल लीडर चुना गया और फार्च्यून पत्रिका ने जैक को 25 मोस्ट पॉवरफुल बिजनेस पीपल इन एशिया में स्थान दिया गया।
· 2007 – बिज़नस वीक में बिजनेस परसों ऑफ़ द ईयर का अवार्ड दिया गया।
· 2008 – 30 World’s Best CEOs की सूची मे शामिल किया गया।
· 2010 – फ़ोर्ब्स एशिया द्वारा प्राकुतिक आपदा प्रबंधन और गरीबी उन्मूलन जैसे कार्यो के लिए Asia’s Heroes of Philanthropy में से एक चुना गया।
· 2013 – हांग कांग यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी।
· 2015 – The Asian Awards में Entrepreneur of the Year से नवाजा गया।

जैक मा के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Interesting Facts about Jack Ma

· उद्योग की दुनिया की मशहूर मैगजीन फार्च्यूनने जैक को दुनिया के 50 महान लीडर्स की सूचि में दुसरे स्थान का दर्जा दिया है।
· एक रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2017 में जैक की संपत्ति करीब 364 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई।
· जैक मा चीन के अमीर व्यक्तियों की सूचि में शीर्ष पर है, अर्थात पहले स्थान पर है, और वे दुनिया के अमीर व्यक्तियों की सूचि में 18 वे नंबर पर है।
· स्कूल के दौरान जैक को विद्यार्थी परिषद् का अघ्यक्ष चुना गया।
· जैक समय समय पर युवा पीढ़ी को बिजनेस सम्बन्धी बाते भी शेयर करते रहते है।
· जैक को 2014 में फ़ोर्ब्स द्वारा विश्व के पशक्तिशाली व्यक्तियों की सूची में 30वा स्थान दिया गया।
· जैक को अपना नाम उनके एक विदेशी पर्यटक मित्र द्वारा दिया गया था।
· जैक को 2009 में टाइम मैगज़ीन द्विश्व के “100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियोंकी सूची में शामिल किया।
· इसी साल उन्हें फ़ोर्ब्स चीन की तरफ से Top 10 Most Respected Entrepreneurs in China चुना गया।
दुनिया में जो लोग खुद के दम पर कुछ करना चाहते है उन्हें निश्चित ही यह कहानी प्रेरित करेगी। विश्वभर के उद्योगपतियों एवं व्यवसायियों के लिए जैक एक बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति है, साथ ही जैक की कहानी हम सभी के लिए भी एक प्रेरणा है।

Tuesday, 28 November 2017

अमेरिकी बास्केटबाल खिलाडी माइकल जॉर्डन

अमेरिकी बास्केटबाल खिलाडी माइकल जॉर्डन

जी हां ये वही माइकल जॉर्डन है जो बास्केटबाल के सबसे बड़े एवं मशहूर खिलाडी है। लेकिन माइकल के यहाँ तक पहुचने का सफ़र इतना आसान नहीं था माइकल ने एक बेहद ही गरीब परिवार में जन्म लिया था। लेकिन माइकल हमेशा से ही कुछ ऐसा करना चाहते थे जिस से उनकी गरीबी दूर हो सके।

माइकल के जीवन के बारे में जानने से पहले हम उनके बचपन की एक घटना बताना चाहेंगे जो करोड़ो लोगों को प्रेरित कर चुकी है की इंसान अगर चाहे तो दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं हैं।

जब माइकल 13 साल के थे तब उनके पिता ने उन्हें अपने पास बुलाया और एक पुराना और उपयोग किया हुआ कपड़ा देकर पुछा की अच्छा बेटा यह बताओ इस कपड़े की कीमत कितनी होगी। माइकल थोड़ा सोचने के बाद बोले यह 1 डॉलर का होगा। तो पिता ने कहा तुम्हे कुछ भी कर के बाजार में जाकर इस कपड़े को 2 डॉलर में बेचना है।

माइकल ने सोचा की ऐसा क्या किया जाये जिस से इस पुराने कपड़े के 2 डॉलर मिल सके। माइकल ने उस कपड़े को अच्छे से धो दिया और फिर घर पर इस्त्री ना होने के कारण उसे ढेर सारे कपड़ों के नीचे सीधा करने के लिए रख दिया।

अगले दिन उन्होंने देखा कपड़ा पहले से बेहतर दिखाई दे रहा है उसके बाद उन्होंने पास के रेलवे स्टेशन पर जाकर 5 घंटो की कड़ी मेहनत के बाद उसे बेच दिया और बहुत खुश होते हुए घर आये और अपने पापा को पैसे दे दिये।

15 दिनों के बाद पिता ने फिर से वैसे ही एक कपड़ा दिया और कहा कि जाओ इसे 20 डॉलर में बेच कर आओ। इस बार माइकल को थोड़ा सा आश्चर्य हुआ की भला इसके 20 डॉलर कौन देगा।

लेकिन पिता ने कहा एक बार कोशिश तो करो। उन्होंने फिर से अपना दिमाग लगा कर सोचा और अपने दोस्त की मदद से शहर जा कर उस कपड़े पर मिकी माउस की स्टीकर लगवा लिया और ऐसे स्कूल के सामने जा कर खड़े हो गये जहाँ ज्यादातर बच्चे अमीर घर से ही आते थे।

एक छोटे से बच्चे ने अपने पापा से कह कर उसे खरीद लिया। उस छोटे बच्चे के पिता ने उस कपड़े को 5 डॉलर एक्स्ट्रा टिप देकर ख़रीदा। और इस तरह उसने 1 डॉलर के उस कपडे 20 डॉलर में बेचा और 5 डालर टिप मिली इस तरह ।कपड़े को पूरे 25 डॉलर में बेच कर माइकल बहुत ज्यादा खुश थे और खुशी- खुशी आकर पिता जी को बताया।

कुछ दिनों के बाद माइकल को उनके पिता जी ने एक और कपडा दिया और बोला की जाओ इसे 200 डॉलर में बेच के आओ इस बार माइकल को लगा की अब तो यह बहुत ही ज्यादा है लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकी अभी तक माइकल पिता जी के द्वारा दिए गए इस कार्य में पूर्ण रूप से सफल हो रहे थे आख़िरकार माइकल ने यह काम को भी करने की ठान ही ली लेकिन उन्होंने इस बार इस काम के बारे में 2-3 दिन तक सोचा की आखिर वह कैसे इस पुराने से कपडे को जिसका मूल्य मात्र 1 डालर है उसे 200 डालर में कैसे बेचे।

जैसा की हम जानते है कोशिश करने वालों की कभी भी हार नहीं होती ठीक उसी तरह माइकल ने हार नहीं मानी और उस पुराने कपडे की कीमत बढ़ाने का उपाय खोज ही लिया माइकल उस कपडे को लेकर शहर गए।

उन्होंने देखा की उस दिन शहर में कोई बहुत ही बड़ी पापुलर एक्ट्रेस आई माइकल पुलिस के द्वारा बनाये गये सुरक्षा घेरे को तोड़ कर कपडे पर उस एक्ट्रेस का ऑटोग्राफ लेने में कामयाब हो गये।

बच्चे की मासूमियत देख एक्ट्रेस भी मन नहीं कर पाई अगले ही दिन माइकल उस ऑटोग्राफ वाले कपडे को लेकर बाजार निकल गये ।वह उन्हें बहुत भीड़ जमा हो गई जो उसे खरीदना चाहती है और उस कपडे की बोली लगाईं जा रही थी आख़िरकार माइकल ने वो कपडा 2000 डॉलर में बेचा।

इस घटना के बाद से माइकल के पिता को इस बात का अहसास हो गया की उनका बेटा अब जीवन में कुछ भी कर सकता हैं। माइकल एक ऐसे व्यक्ति है जो आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल हैं।

माइकल जॉर्डन का बचपन:

माइकल जॉर्डन का जन्म 17 फरवरी 1963 को न्यूयार्क के ब्रुकलिन में हुआ था। माइकल अपने माता पिता की 5 संतानों में से चौथे नंबर पर थे। माइकल के २ बड़े भाई, 1 बहन बड़ी और 1 छोटी बहन थी।

माइकल जॉर्डन की शिक्षा:

माइकल ने खेलो की शुरूआती शिक्षा विम्लिंगटन के एम्सली ए लैनी नामक स्कूल में हुई जिनमे बेसबाल, फूटबाल और बास्केटबाल थे। वही से माइकल के खेल जीवन की शुरुआत होती हैं।

जिसके बाद भी माइकल ने अपना खेल जारी रखा और कॉलेज में भी बास्केटबाल टीम के लिए कोशिश की लेकिन उस समय वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद माइकल ने जूनियर विश्वविद्यालय के लिए खेल कर नाम रोशन किया, और बहुत ही कड़ी मेहनत की।

माइकल जॉर्डन का कार्यक्षेत्र:

माइकल ने नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन के जरिये दुनिया भर में बहुत नाम कमाया। माइकल क खेल करियर में एक वक़्त ऐसा भी आया जब माइकल ने बास्केटबॉल से हट कर बेसबाल में रूचि दिखाई लेकिन फिर उन्होंने बास्केटबाल को ही अपने व्यावसायिक खेल के तौर पर आगे बढाया।

1997-1998 में माइकल ने अपने खेल से सन्यास ले लिया। इसके बाद भी वे वाशिंगटन विजार्ड टीम के ओनर रहे। लेकिन ज्यादा समय तक माइकल अपने आप को बास्केटबाल से दूर नहीं रख पाए 2001 में उन्होंने फिर से वाशिंगटन विजार्ड के लिए खेलना शुरू किया और लागातार २ वर्ष तक फिर इस टीम का हिस्सा रहे।

अंत में 2003 में माइकल ने खेल को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

माइकल एक खिलाडी तो है ही साथ ही वे एक सफल उद्यमी भी है वे चार्लोट बोब्कट्स नमक कंपनी के मालिक भी हैं।

माइकल जॉर्डन का व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार:माइकल ने २ शादियाँ की। माइकल ने पहली शादी सितम्बर 1989 में की उनकी पहली पत्नी का नाम जुआनिता वनोय था। माइकल और जुआनिता के 3 बच्चे हैं ।जिनमे से २ लड़के मार्क्स जेम्स और जेफ्फेरी माइकल एवं एक लड़की जस्मीन है।

जिनके साथ उनका वैवाहिक जीवन 17 साल चला और 2006 में उनका तलाक हो गया। माइकल ने जुआनिता को तलक के बदले 16।8 करोड़ डालर की राशि देनी पढ़ी थी जो सन 2006 तक का सबसे बड़ा तलक हर्जाना था।माइकल ने दूसरी शादी 27 अप्रेल 2013 को क्यूबाई माडल येवती प्रीइतो से की।

माइकल जॉर्डन के रिकॉर्ड, ख़िताब एवं अचीवमेंट्स:

1984 एवं 1994 में माइकल ने ओलंपिक खेलो में हिस्सा लिया और दोनों ही बार उन्होंने अपनी अमेरिकी बास्केटबाल टीम को गोल्ड मेडल दिलाया।
इसके साथ ही माइकल ओलंपिक में ऐसे पहले खिलाडी थे जिन्होंने अपनी टीम के लिए लगातार 8 मैचों में हिस्सा लिया।
माइकल एक ऐसे खिलाडी है जो नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन में वाशिंगटन विजार्ड और शिकागो बुल्स के लिए 15 सीजन तक लगातार खेले हैं।
इसके साथ ही नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन के अनुसार प्रत्येक सीजन में सबसे ज्यादा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी माइकल जॉर्डन का ही हैं।
जो शानदार प्रदर्शन माइकल ने अपने खेल में किया हैं उसके अनुसार देखा जाये तो उनका औसत स्कोर 30।12 का है प्रति सीजन है जो की अपने आप में एक रिकॉर्ड हैं।
सन1984-1985 में माइकल को एनबीए “रुकी ऑफ़ थे ईयर “ का ख़िताब दिया गया।
मोस्ट वेल्युएबल प्लेयर का ख़िताब माइकल ने अपमे खेल जीवन में 5 बार जीता।
सन 1987- 1988 में एनबीए ने माइकल को “ डिफेन्सिव प्लेयर ऑफ़ द ईयर” का ख़िताब दिया।
माइकल जॉर्डन वो हस्ती है जिन्हें साल 2010 में फ़ोर्ब्स मैगजीन के द्वारा 20 तेजस्वी व्यक्तित्व होने का गौरव प्राप्त हैं।
माइकल बस्केटबाल के पहले ऐसे खिलाडी हैं जिनके नाम 40 वर्ष की उम्र में खेलते हुए 40 पॉइंट जितने का रिकॉर्ड दर्ज हैं।
माइकल जॉर्डन के जीवन के कुछ रोचक तथ्य:

बिलिनेयर बन ने वाले विश्वभर के एथलीट में से माइकल का नाम सबसे पहले आता है।
जॉर्डन “एम जे” नाम से तो प्रसिद्द है ही साथ ही वे “हिज एर्नेस” और “एयर जॉर्डन” के नाम से भी जाने जाते हैं।
1993 का वर्ष माइकल के लिए शायद बहुत बुरा वक़्त ले कर आया जुलाई में माइकल क पिता की हत्या कर दी गई। ये उनक जीवन के सबसे मुश्किल समय में से एक था।
मशहूर ब्रांड नाइक ने माइकल जॉर्डन के नाम पर जूतों का एक स्पेशल एडिशन निकाला था जिसका नाम था “एयर जॉर्डन”।
माइकल के नाम पर कई सारे वीडियो गेम्स के नाम भी रखे गये जिनमे वन ऑन वन और जॉर्डन वर्सेस वर्ड प्रमुख हैं।
नेशनल बास्केटबाल एसोसिएशन के अनुसार माइकल को “ग्रेटेस्ट आल टाइम बेस्ट बास्केटबॉल प्लेयर” कहा गया।
खेल जगत में नाम कमाने के साथ ही माइकल ने कुछ हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है। “स्पेस जेम” नामक फिल्म में माइकल के जीवन पर आधारित थी जिसमे माइकल ने अपना किरदार खुद निभाया था।
माइकल जॉर्डन का व्यक्तित्व:

माइकल जॉर्डन ना सिर्फ एक उम्दा खिलाडी थे बल्कि उन्होंने बास्केटबाल को अपने प्रदर्शन एवम खेल के द्वारा विश्वभर में विख्यात कर दिया। माइकल ने अपने खेल के करियर में बहुत सारे खिताब जीते है लेकिन वे ऐसे खिलाडी है जिन्होंने प्रशसंको का भरपूर प्यार जीता हैं।

यही वजह है की माइकल का नाम दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली सेलिब्रिटी में आता हैं। साल 2009 से 2010 के बीच में माइकल की कुल कमाई 55 मिलियन डालर थी।

माइकल का नाम आज भी दुनिया के सबसे ज्यादा अमीर खिलाडियों में शामिल है। खेल जगत से रिटायर्मेंट लेने के बाद भी 100 मिलीयन डालर सालाना कमाई है माइकल की। माइकल एक अच्छे खिलाडी तो है ही साथ ही वे एक बहुत ही अच्छे इंसान भी हैं वाशिंगटन विजार्ड की टीम में खेल कर उन्हें जो पहली सेलेरी मिली थी उन्होंने उसे 9/11 के आतंकी हमले में मरे गये लोगों के परिवार वालों को डोनेट कर दी।

माइकल जॉर्डन हमेशा 23 नम्बर की जर्सी पहन कर ही खेलते थे जिसके कारन प्रशंसको के बीच में उनकी एक अलग ही पहचान थी। लेकिन 1990 में माइकल की ये पापुलर जर्सी चोरी हो गई जिससे माइकल बहुत नाराज थे।

माइकल जॉर्डन उन चुनिन्दा लोगो में से है जो जन्म तो किसी एक गाँव या शहर में लेते है लेकिन अपनी मेहनत और परिश्रम के जरिये पुरे विश्वभर में अपनी छाप छोड़ते है।